Saturday, 14 May 2016

शिवलिंग का वास्तविक अर्थ क्या है और कैसे इसका गलत अर्थ निकालकर हिन्दुओं को भ्रमित किया गया

कुछ लोग शिवलिंग की पूजा की आलोचना करते है..
छोटे छोटे बच्चो को बताते है कि हिन्दू लोग लिंग और योनी की पूजा करते है..मूर्खों  को संस्कृत का ज्ञान नहीं होता है..और छोटे छोटे बच्चो को हिन्दुओ के प्रति नफ़रत पैदा करके उनको आतंकी बना देते है…अब मै इसका अर्थ बता रहा हूँ..

लिंग>>>
लिंग का अर्थ संस्कृत में चिन्ह ,प्रतीक होता  है…
जबकी जनर्नेद्रीय को संस्कृत मे शिशिन कहा जाता है..
शिवलिंग >>>
शिवलिंग का अर्थ हुआ शिव का प्रतीक….
पुरुषलिंग का अर्थ हुआ पुरुष का प्रतीक
इसी प्रकार स्त्रीलिंग का अर्थ हुआ स्त्री का प्रतीक
और नपुंसकलिंग का अर्थ हुआ  ..नपुंसक का प्रतीक
जिन्होंने व्याकरण पढ़ी होगी उन्हें इस बात का ज्ञान हो जाएगा
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अब यदि जो लोग पुरुष लिंग को मनुष्य के जनेन्द्रिय समझ कर आलोचना करते है..तो वे बताये ”स्त्री लिंग ”’के अर्थ के अनुसार स्त्री का लिंग होना चाहिए…
और वो खुद अपनी औरतो के लिंग को बताये फिर आलोचना करे—-
”शिवलिंग”’क्या है >>>>>

शून्य, आकाश, अनन्त, ब्रह्माण्ड और निराकार परमपुरुष का प्रतीक होने से इसे लिंग कहा गया है। स्कन्दपुराण में कहा है कि आकाश स्वयं लिंग है।शिवलिंग वातावरण सहित घूमती धरती तथा सारे अनन्त ब्रह्माण्ड ( क्योंकि, ब्रह्माण्ड गतिमान है ) का अक्स/धुरी (axis) ही लिंग है।
शिव लिंग का अर्थ अनन्त भी होता है अर्थात जिसका कोई अन्त नहीं है नाही शुरुवात |
—-
शिवलिंग का अर्थ लिंग या योनी नहीं होता ..दरअसल ये गलतफहमी भाषा के रूपांतरण और मलेच्छों द्वारा हमारे पुरातन धर्म ग्रंथों को नष्ट कर दिए जाने तथा अंग्रेजों द्वारा इसकी व्याख्या से उत्पन्न हुआ हो सकता है|
खैर…..

जैसा कि हम सभी जानते है कि एक ही शब्द के विभिन्न भाषाओँ में अलग-अलग अर्थ निकलते हैं|
उदाहरण के लिए………
यदि हम हिंदी के एक शब्द “सूत्र” को ही ले लें तो…….
सूत्र मतलब डोरी/धागा गणितीय सूत्र कोई भाष्य अथवा लेखन भी हो सकता है| जैसे कि नासदीय सूत्र ब्रह्म सूत्र इत्यादि |
उसी प्रकार “अर्थ” शब्द का भावार्थ : सम्पति भी हो सकता है और मतलब (मीनिंग) भी |
ठीक बिल्कुल उसी प्रकार शिवलिंग के सन्दर्भ में लिंग शब्द से अभिप्राय चिह्न, निशानी, गुण, व्यवहार या प्रतीक है।धरती उसका पीठ या आधार है और सब अनन्त शून्य से पैदा हो उसी में लय होने के कारण इसे लिंग कहा है तथा कई अन्य नामो से भी संबोधित किया गया है जैसे : प्रकाश स्तंभ/लिंग, अग्नि स्तंभ/लिंग, उर्जा स्तंभ/लिंग, ब्रह्माण्डीय स्तंभ/लिंग (cosmic pillar/lingam)

ब्रह्माण्ड में दो ही चीजे है : ऊर्जा और प्रदार्थ | हमारा शरीर प्रदार्थ से निर्मित है और आत्मा ऊर्जा है|
इसी प्रकार शिव पदार्थ और शक्ति ऊर्जा का प्रतीक बन कर शिवलिंग कहलाते है |
ब्रह्मांड में उपस्थित समस्त ठोस तथा उर्जा शिवलिंग में निहित है. वास्तव में शिवलिंग हमारे ब्रह्मांड की आकृति है. (The universe is a sign of Shiva Lingam.)
शिवलिंग भगवान शिव और देवी शक्ति (पार्वती) का आदि-आनादी एकल रूप है तथा पुरुष और प्रकृति की समानता का प्रतिक भी अर्थात इस संसार में न केवल पुरुष का और न केवल प्रकृति (स्त्री) का वर्चस्व है अर्थात दोनों सामान है
अब बात करते है योनि शब्द पर —-
मनुष्ययोनि ”पशुयोनी”पेड़-पौधों की योनि”’पत्थरयोनि”’ >>>>
योनि का संस्कृत में प्रादुर्भाव ,प्रकटीकरण अर्थ होता है..जीव अपने कर्म के अनुसार विभिन्न योनियों में जन्म लेता है..कुछ धर्म में पुर्जन्म की मान्यता नहीं है ..इसीलिए योनि शब्द के संस्कृत अर्थ को नहीं जानते है जबकी हिंदू धर्म मे 84  लाख योनी यानी 84  लाख प्रकार के जन्म है अब तो वैज्ञानिको ने भी मान लिया है कि धरती मे 84  लाख प्रकार के जीव (पेड, कीट,जानवर,मनुष्य आदि) है….
मनुष्य योनी >>>>पुरुष और स्त्री दोनों को मिलाकर मनुष्य योनि होता है..अकेले स्त्री या अकेले पुरुष के लिए मनुष्य योनि शब्द का प्रयोग संस्कृत में नहीं होता है…
तो कुल मिलकर अर्थ ये है
लिंग का तात्पर्य प्रतीक से है, शिवलिंग का मतलब है पवित्रता का प्रतीक | दीपक की प्रतिमा बनाये जाने से इस की शुरुआत हुई, बहुत से हठ योगी दीपशिखा पर ध्यान लगाते हैं | हवा में दीपक की ज्योति टिमटिमा जाती है और स्थिर ध्यान लगाने की प्रक्रिया में अवरोध उत्पन्न करती है इसलिए दीपक की प्रतिमा स्वरूप शिवलिंग का निर्माण किया गया ताकि निर्विघ्न एकाग्र होकर ध्यान लग सके | लेकिन कुछ विकृत मुग़ल काल से कुछ दिमागों ने इस में जननागों की कल्पना कर ली और झूठी कुत्सित कहानियां बना ली और इस पीछे के रहस्य की जानकारी न होने के कारण अनभिज्ञ भोले हिन्दुओं को भ्रमित किया गया |

Wednesday, 4 May 2016

गुलामी कब तक ?

गुलामी कब तक -
पसीने से जमी अपनी वतन अपना सजौएंगे
गुलामी की लकीरो को खुरच करके मिटाएंगे

क्या आपने कभी गौर किया है कि भारत में सभी हवाई जहाजों के विंग्स और बॉडी पर VT से शुरू होने वाला नाम प्रमुखता से लिखा होता है. असम में भारत के हर हवाई जहाज का नाम VT से ही शुरू होता है. लेकिन ये VT आखिर है क्या?

तरुण विजय ने संसद में बताया VT का मतलब
ज्यादातर लोगों की तरह हमारे सांसदों को भी या तो इसका मतलब पता ही नहीं था या फिर उन्होंने इस पर अभी तक गौर नहीं किया. लेकिन मंगलवार को जब बीजेपी सांसद तरुण विजय ने राज्यसभा में ये मामला उठाया और VT का मतलब सांसदों को बताया तो ज्यादातर सांसदों का सिर शर्म से झुक गया. दरअसल दो अक्षर का ये शब्द बताता है कि किस तरह हम 87 सालों से गुलामी के एक प्रतीक को ढो रहे हैं और दुनिया को बता भी रहे हैं. VT का मतलब है 'Viceroy Territory' यानी वायसरॉय का इलाका.

क्या होता है 5 अक्षरों के इस कोड का मतलब?
अंतरराष्ट्रीय नियमों के मुताबिक, हर हवाई जहाज के उपर ये प्रमुखता से लिखा होना चाहिए कि वो किस देश का है, यानी उसकी पहचान क्या है. ये रजिस्ट्रेशन कोड पांच अक्षरों का होता है. पहले दो अक्षर देश का कोड होता है और उसके बाद के अक्षर ये दिखाते हैं कि हवाई जहाज की मालिक कौन सी कंपनी है. देश को ये कोड इंटरनेशनल सिव‍िल एविएशन ऑर्गनाइजेशन (ICAO) देती है.
1929 में मिला था VT

भारत को ICOA से 'Viceroy Territory' (VT) कोड 1929 में तब मिला था, जब यहां अंग्रेजों का राज था. लेकिन हैरानी की बात है कि 87 साल बीत जाने के बाद भी भारत अपनी गुलामी की इस पहचान को बदलने में नाकाम रहा है. मंगलवार को जब ये मामला संसद में उठा तो सभी पार्टियों के सांसदों ने सरकार से एक स्वर में मांग की कि इस नाम से जल्दी से जल्दी छुटकारा पाया जाए. मामले को उठाने वाले बीजेपी सांसद तरुण विजय ने कहा कि हैरानी की बात है कि चीन, पाकिस्तान, नेपाल, श्रीलंका और फि‍जी जैसे देशों ने भी अपने देश का कोड बदल कर नया कोड हासिल कर लिया. लेकिन भारत अभी तक ये करने में नाकाम रहा है.

यूपीए सरकार ने की थी नया कोड लेने की आधी-अधूरी कोश‍िश
सच्चाई ये है कि यूपीए सरकार के दौरान भारत की तरफ से इस बारे में आधी अधूरी कोशिश की गई थी. भारत ने BA (भारत) या IN (इंडिया) कोड हासिल करने की कोशिश की. लेकिन पता चला कि B कोड चीन और I कोड इटली पहले ही ले चुका है. इसके बाद तत्कालीन सिविल एविएशन मिनिस्टर प्रफुल्ल पटेल ने ऐलान कर दिया कि मनमुताबिक कोड उपलब्ध नहीं होने के कारण भारत VT कोड ही जारी रखेगा.

अब सभी पार्टियों के सांसद मिलकर मांग कर रहे हैं कि गुलामी के प्रतीक इस को़ड का नामोंनिशान मिटाया जाए और कोई नया कोड जल्द से जल्द हासिल किया जाए.

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गुमनाम हीरो

उसकी कलाई पर काले डायल वाली टाइटन घडी बंधी थी और हाथ में सैमसंग का पुराना सा फ़ोन था. दूसरे हाथ से उसने मेज पर पड़ी डायरी उठायी और बोला..दोस्त इज़ाज़त दो कल तडके सुबह की फ्लाइट है. सुबह उसकी दिशा किस ओर होगी न मैंने उससे पूछा ..न हमेशा की तरह उसने बताया. ये कहकर, वो लोधी रोड के कॉफ़ी कैफ़े डे से निकला और सीधे एक सफ़ेद इंडिका कार का पिछला दरवाज़ा खोलकर अन्दर बैठ गया. पल भर में कार गायब हो गयी. तकरीबन ४०-४२ साल के इस अफसर से कई महीने बाद मेरी मुलाक़ात हुई थी. वो आई बी (इंटेलिजेंस ब्यूरो) में ओपेरेशनस सेल में है. कुछ दिन पहले ही काठमांडू जाकर उसने दो आतंकियों को अगवा करके एक निर्जन पहाड़ी से बोरे में बंद उनकी लाशें एक गहरी खायी में लुढ़का दी थी. उसकी टीम एक ऐसा ही ओपरेशन ढाका में कर चुकी है. बैंकाक में तो उसने शेर की मांद में हाथ डालकर फेक करेंसी के एक बड़े गिरोह को धरा था. उसके ज्यादातर कारनामे खुद उसी की तरह गुमनाम है. और गुमनामी के इस जांबाज़ खेल में वो अकेला नही है. आई बी, रॉ और मिलिट्री इंटेलिजेंस में ऐसे कई टाइगर हैं जिन्होंने भरी जवानी में देश को जीवन दे दिया हैं. 20 साल से ज्यादा के अपने कैरियर में रियल लाइफ के कई ऐसे नायकों को मै नजदीक से जानता हूँ. उनके हाथों पर गोलियों के बंद घाव से लेकर चेहरे पर कटे हुए निशान पर मैंने देश भक्ती के सबूत देखे है. वो नेता, फ़िल्मी हीरो, टीवी एंकर, आईपीएल के क्रिकेटरों से बहुत बड़े हैं. वाकई बड़े हैं....क्यूंकि उन्हें नाम की परवाह नही है. वो शोहरत से जुदा है. वो सेल्फी लेना नही जानते. वो फेसबुक पर नही है. उन्होंने अपने हेरोइस्म को कभी ट्वीट नही किया है. महज 60-70 हज़ार की सैलरी उनके साहस और वीरता के लिए न के बराबर रकम है. लेकिन उनकी इस वीर गाथा में जब मै उनके घर और परिवार की दिक्कतों को सुनता हूँ तो बड़ी पीड़ा होती है. जरा सोचिये पापा घाटी के जंगलों में आतंकियों के सेल से जूझ रहे हों और घर पर बेटी को कॉलेज में एडमिशन न मिल पा रहा हो. अगर यही सच है तो फिर वन्दे मातरम का मतलब क्या है ?  मित्रों , मै चाहता हूँ कि हमारी ख़ुफ़िया एजेंसियों के गुमनाम नायक जो जान हथेली पर लेकर चल रहे हैं उनके लिए सरकार एक अलग फंड बनाये. रिटायर होने के बाद पेंशन के अलावा इस फंड से इन्हें मेरिट के आधार पर देश इनाम दे और इनका सार्वजनिक अभिनन्दन किया जाय. ये देश के असली हीरो हैं.. असली भगत सिंह हैं...इन्हें निजी उलझनों और मुसीबतों से हमे मुक्त करना होगा ...इनका परिवार हमारा परिवार होना चाहिए ...इनकी चिंताएं हमारी चिंताए होनी चाहिए. ये नायक अगर रहेंगे तो तमाम विसंगतियों और सामजिक विघटन के बाद भी देश पर कभी आंच नही आ सकती है. अगर आप इनके दर्द में शामिल होना चाहते हैं तो एक चिट्ठी प्रधानमन्त्री को इनके लिए ज़रूर लिखेयेगा.